*कलिमाते कुफ़्र* #04
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*फ़ौतगी के मौके पर बके जाने वाले कुफ्रिय्यात की मिसाले*
किसी की मौत हो गई पर दूसरे शख्स ने कहा: अल्लाह को ऐसा नहीं करना चाहिये था।
किसी का बेटा फौत हो गया, उसने कहा: अल्लाह को इसकी हाजत होगी, ये क़ौल कुफ़्र है क्यूं कि कहने वाले ने अल्लाह को मोहताज क़रार दिया।
किसी की मौत पर आम तौर पर बक देते है: अल्लाह को न जाने इस की क्या ज़रूरत पड़ गई जो जल्द बुला लिया या कहते है: अल्लाह को भी नेक लोगों की ज़रूरत पड़ती है इस लिये जल्द उठा लेता है (ये सुन कर माना समझने के बा वुजूद उमुमन लोग हा में हा मिलाते या ताईद में सर हिलाते है इन सब पर भी हुक्मे कुफ़्र है)
किसी की मौत पर कहा: या अल्लाह! इस के छोटे छोटे बच्चों पर भी तुझे तर्स न आया!
जवान मौत पर कहा: या अल्लाह! इस की भरी जवानी पर ही रहम किया होता। अगर लेना ही था तो फूलां बुढ्ढे या बुढ़िया को ले लेता।
या अल्लाह! आखिर इस की ऐसी क्या ज़रूरत पड़ गई कि अभी से वापस बुला लिया।
*✍🏼28 कलिमाते कुफ़्र* 7
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
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Wednesday 31 January 2018
कलिमाते कुफ़्र* #04
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