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Wednesday 31 January 2018

नमाज़ का तरीक़ा* #32

*नमाज़ का तरीक़ा* #32
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ के वाजिबात* #02
★ एक सज्दे के बाद बित्तरतिब दूसरा सज्दा करना।

★तादिले अरकान यानि रूकू, सुजूद, क़ौमा और जल्सा में कम अज़ कम एक बार "सुब्हान अल्लाह" कहने की मिक़दार ठहरना।

★ क़ौमा यानि रूकू से सीधे खड़े होना (बाज़ लोग कमर सीधी नहीं करते इस तरह उन का वाजिब छूट जाता है)

★ जल्सा यानि दो सजदों के दरमियान सीधा बैठना (बाज़ लोग जल्द बाज़ी की वजह से बराबर सीधे बैठने से पहले ही दूसरे सज्दे में चले जाते है इस तरह उन का वाजिब तर्क हो जाता है चाहे कितनी ही जल्दी हो सीधा बैठना लाज़िमी है वरना नमाज़ मकरुहे तहरीमि वाजीबुल इआदा होगी) यानि नमाज़ फिर से पढ़नी होगी।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 171*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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