*जवानी कैसे गुज़ारे ?* #14
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*जवानी नेअमते खुदा वन्दी*
जवानी अल्लाह की बहुत बड़ी नेअमत है जिसे ये नेअमत मिले उसे इस की क़द्र करते हुए ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त इबादत व इताअत में गुज़ारना चाहिये, वक़्त के अनमोल हीरों को नफ़अ रसानियों का ज़रीआ बनाना चाहिये।
हज़रत मुफ़्ती अहमद यार खान رحمة الله عليه नक़्ल फ़रमाते है : "जवानी की इबादत बुढ़ापे की इबादत से अफ़्ज़ल है कि इबादत का अस्ल वक़्त जवानी है। वक़्त की क़द्र करो, इसे गनीमत जानो। गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं।
*✍🏼मीरआतुल मनाजिह्* 3/167
खुसुसन अय्यामे जवानी के अवक़ात की क़द्रदानी बहुत ज़रूरी है क्यों कि जवानी में इंसान के आज़ा मज़बूत और ताक़त वर होते है, जिस की वजह से अहकाम व इबादत की बजा आवरी, तनदहि और बड़ी खुश उस्लुबि के साथ मुमकिन होती है, बुढापे में फिर ये बहारें कहाँ नसीब ! उस वक़्त तो मस्जिद तक जाना भी दुश्वार हो जाता है। भूक प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त करने की हिम्मत भी नहीं रहती, नफ्ल तो कुजा फ़र्ज़ रोज़े पुरे करना भी भारी पड़ जाते है और वेसे भी जवानी की इबादत इम्तियाज़ी हैसिय्यत रखती है।
*✍🏼जवानी कैसे गुज़ारे ?* 23
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
Pages
- Home
- अब्लाक़ घोड़े सुवार
- नमाज़ के अहकाम
- परदे की फरज़िय्यत
- बुग्ज़ व किना
- परदे की फरज़िय्यत
- मेराज के वाक़ीआत
- मुर्दे की बेबसी
- रमज़ान की बहारे
- अच्छे बुरे अ'मल
- आशिके अक्बर
- आसान नेकियां
- आक़ा का महीना
- वेलेन्टाइन डे क़ुरआनो हदिष की रौशनी में
- तौबा की रिवायत व हिक़ायत
- तर्के जमाअत की वईद
- रजब की बहारे
- हयाते गौसुल आलम महबूबे यजदानी सैयद सुल्तान मखदूम अ...
- गौसे पाक का बचपन
- गौषे पाक के हालात
- फातिहा और इसाले षवाब का तरीका
- बीमार आबिद
- बेनमाज़ी का अंजाम
- अश्को की बरसात
- अनमोल हिरे
- अल-हक़्क़ुल मुबीन
- सिरते मुस्तफा 1
- सिरते मुस्तफा 2
- बरकाते ज़कात
- बद गुमानी
- क़ब्र में आनेवाला दोस्त
- तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़सीरे खज़ाइनुल इरफ़ान
- मदनी पंजसुरह
- सवानहे कर्बला
- शाने खातुने जन्नत
- गुस्से का इलाज
- गफलत
- फुतूह अल ग़ैब
- फ़ारुके आज़म का इश्के रसूल
- फैज़ाने सिद्दिके अकबर
- फैज़ाने खादीजतुल कुब्रा
- फैज़ाने फ़ारुके आज़म
- फैज़ाने आइशा सिद्दीक़ा
- मिलाद शरीफ
- जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ
- तज़किरए इमाम अहमद रज़ा
- प्यारी बाते
Friday 19 January 2018
*जवानी कैसे गुज़ारे ?* #14
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment