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Monday 29 January 2018

नमाज़ की अहमिय्यत* #55

*नमाज़ की अहमिय्यत* #55
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ में चोरी का अन्जाम*
     फरमाने मुस्तक ﷺ: सबसे बड़ा चोर वो है जो नमाज़ में चोरी करता हो। सहाबा ने अर्ज़ किया: कोई नमाज़ में कैसे चोरी कर सकता है? फ़रमाया: नमाज़ की चोरी ये है कि आदमी पूरी तरह रूकू और सज्दा न करे।
*✍🏼सहीह इब्ने हिब्बान* 1888
     एक शख्स को मुस्तक ﷺ ने नमाज़ पढ़ते हुए देखा वो न तो रूकू पूरा करता था और न ही सज्दा, उसका सज्दा ऐसा था जैसे कोई जानवर ज़मीन से दाना चुगता है। इस जल्दबाज़ी की नमाज़ देखकर आपने फ़रमाया: अगर ये इसी हालत में मर गया तो मुहम्मद ﷺ की शरीअत के अलावा किसी और शरीअत पर मरेगा क्योंकि ये मेरी सिखाई हुई नमाज़ नहीं है।
*✍🏼तिबरानी*
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 43
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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