*तज्दिदे ईमान का तरीक़ा*
(यानी नए सिरे से मुसलमान होना)
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
कुफ़्र से तौबा उसी वक़्त मक़बूल होगी जब कि वो उस कुफ़्र को कुफ़्र तस्लीम करता हो और दिल में उस कुफ़्र से नफरत व बेज़ारी भी हो। जो कुफ़्र सरज़द हुवा तौबा में उस का तज़किरा भी हो। मसलन जिस ने वीज़ा फॉर्म पर अपने आप को क्रिस्चन लिख दिया वो इस तरह कहे: या अल्लाह! में ने जो वीज़ा फॉर्म में अपने आप को क्रिस्चन ज़ाहिर किया है इस कुफ़्र से तौबा करता हूँ।
तौबा के बाद पढ़िये: لٙآاِلٰهٙ اِلّٙااللّٰهُ مُحٙمّٙدُرّٙسُوْلُاللّٰهِ ﷺ (यानी अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं मुहम्मद ﷺ अल्लाह के रसूल है)
इस तरह मख़्सूस कुफ़्र से तौबा भी हो गई और तज्दिदे ईमान भी।
अगर कई कुफ्रिय्यात बके हों और याद न हो कि क्या क्या बका है तो यूँ कहे: या अल्लाह! मुझ से जो जो कुफ्रिय्यात सादिर हुए है में उन से तौबा करता हूँ। फिर कलिमा पढ़ ले।
अगर ये मालुम ही नहीं कि कुफ़्र बका भी हैं या नहीं तब भी अगर एहतियातन तौबा करना चाहे तो इस तरह कहिये: या अल्लाह! अगर मुझ से कोई कुफ़्र हो गया हो तो में उस से तौबा करता हूँ। ये कहने के बाद कलिमा पढ़ लीजिये।
(सभी को रोज़ाना बल्कि वक़्तन फ वक़्तन कुफ़्र से एहतियाती तौबा करते रहना चाहिये)
*✍🏼28 कलिमाते कुफ़्र* 8
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Thursday 1 February 2018
तज्दिदे ईमान का तरीक़ा* (यानी नए सिरे से मुसलमान होना)
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