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Sunday 21 October 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #286


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*क़ौम की आज़माइश*

     जब तालुत कि हाकमियत पर अल्लाह की तरफ से निशानी आ गई तो बनी इस्राइल को यक़ीन हो गया। वो उनको ज़ेरे क़यादत मैदाने जंग में निकलने के लिये तैयार हो गये। तालुत ने एलान किया जो लोग अपने मकानों वगैरह की तामीर में मशगूल हो वो मेरे साथ न निकले और ताजिर जो तिजारत में मशगूल हो वो भी मेरे साथ न चले। मेरे साथ चलने वाले सिर्फ नौजवान, फुर्तीले और तमाम दुन्यावी हाजत से फारिग होने चाहिये। मक़सद ये था कि मैदाने जंग में आकर किसी को भी घर की याद न आये।

     हज़रत तालुत जब बहुत बड़ा लश्कर ले कर शहरी हुदूद से बाहर हुए तो अशमुईल عليه السلام ने या तालुत ने लशकर को बताया कि अल्लाह एक नहर से तुम्हारा इम्तेहान लेने वाला है। जिसने उससे पानी पी लिया वो मेरे दीन पर नहीं और जिसने उसका पानी न पिया वो मेरा मुतीअ होगा और मेरे दीन पर क़ायम होगा, हां सिर्फ चुल्लूभर पानी उससे लेने की इजाज़त होगी।

     ये आज़माइश उनके लिये बहुत सख्त थी क्योंकि उन पर प्यास की शिद्दत का गलबा था पानी को देख कर सब्र करना उनके लिये बहुत दुश्वार था। तमाम लश्कर वालो ने उससे पानी पी लिया, सिर्फ 313 थे जो इस इम्तेहान में कामयाब हुए थे उन्होंने सिर्फ एक चुल्लू पानी पिया था। अल्लाह ने इस चुल्लू भर पानी मे इतनी बरकत रख दी थी कि उन्हें भी काफी हुआ और वही चुल्लू उनके खादिमों और उनकी सवारियों को भी काफी हो गया।

     जो लोग आज़माइश में नाकाम हो गये अल्लाह और उसके नबी के नाफ़रमान हो गये, वो बुजदिल हो गये और कहने लगे हम तो आज तालुत और उसके लश्कर से जंग करने की ताक़त नहीं रखते।

     (इससे ये वाज़ेह हो गया कि अल्लाह और उसके रसूल के अहकाम को तस्लीम न करने की वजह से इंसान काफिरों से जंग करने की ताक़त नहीं रखता। यही वजह से है आज तमाम इस्लामी मुमालिक कुफ्फार से डरकर ज़िन्दगी गुज़ार रहे है।)

     जो लोग इस इम्तिहान में कामयाब हो गये थे उन्हें अल्लाह ने ये बरकत अता की कि उन्होंने अपने आप को जिहाद के लिये तैयार कर लिया। उन्हें यक़ीन का वो आला दर्जा हासिल हुआ कि वो कहने लगे कि कितनी थोड़ी जमाअते बड़ी जमाअतो पर गालिब आ जाती है। बेशक ज़्यादा लोग हम से फिर चुके है हम थोड़े रह गये है लेकिन जब अल्लाह की तरफ से हमे इमदाद हासिल होगी तो हम ज़रूर कामयाब हो जायेंगे।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 252

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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