بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*सुवाल* : ईमान किसे कहते हैं?
*जवाब* : सच्चे दिल से उन सब बातों की तस्दीक़ करना जो ज़रूरियाते दीन से हैं, ईमान कहलाता है।
*सुवाल* : कुफ्र किसे कहते हैं?
*जवाब* : किसी एक ज़रूरते दीनी के इन्कार को कुक्र कहते हैं अगरचे बाकी तमाम ज़रूरियाते दीन की तस्दीक करता हो।
*सुवाल* : ज़रूरियाते दीन से क्या मुराद है?
*जवाब* : ज़रूरियाते दीन से मुराद इस्लाम के वोह अहकाम हैं जिन को हर खासो आम जानते हो, जैसे अल्लाह का एक होना, अम्बियाए किराम की नुबुव्वत, नमाज़ व ज़कात, जन्नत व दोजख, क़यामत में उठाया जाना, हिसाबों किताब लेना वगैरा।
*✍️दिलचस्प मालूमात* 33
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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