Pages

Saturday 3 November 2018

*ईमान व कुफ्र का बयान* #01


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* : ईमान किसे कहते हैं? 

     *जवाब* : सच्चे दिल से उन सब बातों की तस्दीक़ करना जो ज़रूरियाते दीन से हैं, ईमान कहलाता है।


     *सुवाल* : कुफ्र किसे कहते हैं? 

     *जवाब* : किसी एक ज़रूरते दीनी के इन्कार को कुक्र कहते हैं अगरचे बाकी तमाम ज़रूरियाते दीन की तस्दीक करता हो। 


     *सुवाल* : ज़रूरियाते दीन से क्या मुराद है? 

     *जवाब* : ज़रूरियाते दीन से मुराद इस्लाम के वोह अहकाम हैं जिन को हर खासो आम जानते हो, जैसे अल्लाह का एक होना, अम्बियाए किराम की नुबुव्वत, नमाज़ व ज़कात, जन्नत व दोजख, क़यामत में उठाया जाना, हिसाबों किताब लेना वगैरा।

*✍️दिलचस्प मालूमात* 33

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment