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Monday 8 October 2018

*अल्लाह की मुहब्बत कैसे हासिल करें ?* #01


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*हक़ीक़ी बन्दे और सच्चे महबूब*

     हज़रते मुहम्मद बिन अहमद मुफीद رحمة الله عليه फरमाते है: में ने हज़रते जुनैद बगदादी رحمة الله عليه को फरमाते सुना: में हज़रते सिरी सकती رحمة الله عليه की खुदमत में सो रहा था कि आप ने मुझे बेदार किया और फरमाने लगे: ऐ जुनैद! में ने देखा कि गोया में अल्लाह के हुज़ूर खड़ा हूँ और मुझे इरशाद फ़रमाया गया: ऐ सिरी! में ने मख़लूक़ पैदा की तो सब मेरी महब्बत का दावा करते थे। फिर में ने दुन्या पैदा की तो 90% भाग गए और 10% बाक़ी रह गए। फिर मेने जन्नत पैदा की बकीया 90% फीसद भाग गए और 10% बच गए। फिर जब मैने उन ओर ज़र्रा भर आज़माइश नाज़िल की, तो उस बाक़ी रह जाने वाली तादाद का भी सिर्फ 10% बचा और बाक़ी 90% भाग गए। 

     मेने बाक़ी रहने वालों से पूछा: न तो तुमने दुन्या को चाहा, न जन्नत तलब की, न ही आज़माइश से भागे। आखिर तुम क्या चाहते हो? और तुम्हारा मक़सद क्या है? तो उन्होंने अर्ज़ की: हमारा मकसद तू ही तू है, अगर तू हम पर मसाइब नाज़िल फरमाएगा, तब भी हम तेरी महब्बत को न छोड़ेंगे। मेने उनसे कहा: में तुम्हे ऐसी ऐसी मुसीबतों और आज़माइश में मुब्तला करूँगा की पहाड़ो को भी बर्दाश्त की ताकत नही, तो क्या तुम उन पर सब्र कर लोगे? उन्होंने अर्ज़ की क्यूं नही मौला! अगर तू आज़माइश में मुब्तला करने वाला है, तो जैसा चाहे हमे आज़मा ले। (फिर फ़रमाया) ऐ सिरी! यही मेरे हक़ीक़ी बन्दे और सच्चे महबूब है।

     मीठे ओर प्यारे इस्लामी भाइयो! बयान करदा हिकायत से मालूम हुआ कि अल्लाह के नेक बन्दे हर हाल में सब्रो शुक्र का मुज़ाहरा करते हुवे, उस की रिज़ा पर राज़ी रहते है और कभी ज़बान पर हर्फे शिकायत नहीं लाते, यही लोग अल्लाह के सच्चे महबूब है। हमें चाहिये कि हम भी अल्लाह की महब्बत पाने के लिये, उसकी तरफ से मिलने वाली आजमाइशों पर सब्र की आदत बनाए।


ईमान वालो को अल्लाह से कैसी महब्बत होती है ان شاء الله अगली पोस्ट में देखेंगे...

*✍️अल्लाह की महब्बत कैसे हासिल हो?* 3

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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