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Friday 1 December 2017

*वुज़ु और साइन्स* #07/15
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*मिस्वाक के मदनी फूल_* #3
     मुफ़्ती मुहम्मद अमजद अली आज़मी रहमतुल्लाह अलैह लिखते है : मशाईखे किराम फरमाते है : जो शख्स मिस्वाक का आदि हो मरते वक़्त उसे कलमा पढ़ना नसीब होगा और जो अफ्यून खाता हो मरते वक़्त उसे कालिमा नसीब न होगा।

★ मिस्वाक पीलू या ज़ैतून या निम् वगैरा कड़वी लकड़ी की हो
★ मिस्वाक की मोटाई छुंगलिया यानि छोटी ऊँगली के बराबर हो
★ मिस्वाक एक बालिश्त से ज्यादा लम्बी न हो वरना उस पर शैतान बैठता है
★ इसके रेशे नरम हो के सख्त रेशे दातो और मशुढो के दरमियान खला (गेप) का बाइस बनते है
★ मिस्वाक ताज़ा हो तो खूब वरना इसका एक सिरा कुछ देर पानी के ग्लास में भिगो कर नरम कर लीजिये
★ मुनासिब है की इस के रेशे रोज़ाना काटते रहिये के रेशे उस वक़्त तक कारआमद रहते है जब तक उन्मे तल्खी बाकी रहे
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 65-66*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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