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Tuesday 5 December 2017

*वुज़ू और साइन्स* #10/15
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_कुल्ली करने की हिकम्ते_*
     पहले हाथ धो लिये जाते है जिससे वो जरासिम से पाक हो जाते है, वरना ये कुल्ली के ज़रिए मुह में और फिर पेट में जा कर मुतअद्दिद अमराज़ का बाइस बन सकते है।
     हवा के ज़रिए ला तादाद मोहलिक जरासिम नीज़ ग़िज़ा के अज्ज़ा हमारे मुह और दातो में लुआब के साथ चिपक जाते है। चुनान्चे वुज़ू में मिस्वाक और कुल्लियो के ज़रिए मुह की बेहतरीन सफाई हो जाती है। अगर मुह को साफ़ न किया जाए तो इन अमराज़ का खतरा पैदा हो जाता है

     ऐइड्ज़ (Aids) के इस की इब्तिदाई अलामात में मुह का पकना भी शामिल है। ऐइड्स का ता हाल डॉ. इलाज दरयाफ़्त नहीं कर पाए इस मरज़ में बदन का मुदा-फ-अती निज़ाम नाकारा हो जाता है, इसमें अमराज़ का मुकाबला करने की क़ुव्वत नहीं रहती और मरीज़ घुल घुल कर मर जाता है।
◆ मुह के कनारो का फ्टना।
◆ मुह और होटो की दादकूबा (Moniliasis)
◆ मुह में फफूंदी की बीमारिया और छाले वग़ैरा।

     नीज़ रोज़ा न हो तो कुल्लि के साथ गर-गरा करना भी सुन्नत है। और पाबंदी के साथ गर-गरे करने वाला कव्वे (Tonsil) बढ़ने और गले के बहुत सारे अमराज़ हत्ता के गले के केन्सर से महफूज़ रहता है।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 67-68*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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