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Monday 25 December 2017

*नमाज़ की अहमिय्यत* #21
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ छोड़ने का वबाल अहादिष की रौशनी में* #01
     हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : तुम हरगिज़ फ़र्ज़ नमाज़ को जान बूझकर न छोड़ना इसलिये कि जो जान बूझकर फ़र्ज़ नमाज़ों को छोड़ देता है वो अल्लाह के जिम्मए करम से बाहर हो जाता है।
*✍🏼मुसन्दे अहमद बिन हम्बल*
     अब ज़ाहिर है कि अल्लाह जिस शख्स को अपनी ज़िम्मेदारी से बाहर निकाल दे वो कैसे कामयाब हो सकता है ?

     हुज़ूरे अकरम ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : वो अहद जो हमारे और मुनाफिक़ीन के दरमियान हाएल है वो नमाज़ है। जिसने नमाज़ छोड़ दी समझो उसने काफिरों जैसा काम किया।
*✍🏼सुनने तिर्मिज़ी*
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 19
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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