*रजब की बहारे*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*_रजब के ख़ास दिन और राते_* #01
अमीरुल मुआमिनीन हज़रते अलिय्युल मुर्तज़ा करम-अल्लाहु-तआला-वजहुल-करीम इस माह की पहली शब् को ख़ास एहतिमाम के साथ इबादत किया करते थे। मनकुल है की आप का दस्तूर था कि आप साल की 4 राते हर काम से खली करके इबादत के लिये मख़्सूस फरमाया करते थे।
माहे रजब की पहली रात, ईदुल फ़ित्र की रात, ईदुल अज़हा की रात और शाबान की 15वी रात।
हज़रते खालिद बिन मादान रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है : साल में 5 राते ऐसी है जो इन की तस्दीक़ करते हुवे ब निय्यते षवाब इन को इबादत में गुज़ारेगा तो अल्लाह उसे दाखिले जन्नत फरमाएगा इनमे एक रात रजब की पहली रात भी है।
*✍🏽गुन्यातूल तालिबिन स.236*
*✍🏽रजब की बहारे, स.11-12*
जिस तरह रजब की पहली शब निहायत अहम है, इसी तरह इस की 27वी तारीख भी बहुत फ़ज़ीलत वाली है, क्योंकि ये वो अज़ीम रात है, जिस में प्यारे आक़ा ﷺ की तरफ पहली वही भेजी गई और इसी रात में सरकार दो आलम ﷺ मेराज के लिए तशरीफ़ ले गए. यहि वजह है की 27वी शब् में इबादत करने और इस के दिन में रोज़ रखने वाले खुश नसीबो को ढेरो अज्रो षवाब अता किया जाता है.
आइये इस जिम्न में 3 फरमाने मुस्तफा देखते है :
★27 रजब को मुझे नबुव्वत अता हुई जो इस दिन का रोज़ रखे और इफ्तार के वक़्त दुआ करे, 10 बरस के गुनाहो का कफ़्फ़ारा हो.
*✍🏽फतावा रजविय्या, जी. 10 स.648*
★27 रजबुल मुरज्जब में नेक अमल करने वाले को 100 बरस का षवाब मिलता है.
*✍🏽शोएबुल ईमान, जी. 3 स. 374 हदिष : 3812*
★रजब में एक दिन और एक रात है, जो उस दिन का रोज़ रखे और वो रात नवाफ़िल में गुज़ारे, ये 100 बरस के रोज़ो के बराबर हो. और वो 27वी रजब है. इसी तारीख को अल्लाह ने मुहम्मद ﷺ को मबऊस फरमाया.
*✍🏽शोएबुल ईमान, जी. 3 स. 373 हदिष : 3811*
*✍🏽रजब की बहरे, स. 12*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Thursday 22 March 2018
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