*तज़किरतुल अम्बिया* #97
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत इब्राहिम عليه السلام का बुतों को तोडना* #08
दूसरा इर्शाद : इनके बड़े ने किया होगा।
क़ौम जब मेले पर चली गई तो हज़रत इब्राहिम عليه السلام ने तमाम बुतों को तोड़ दिया और कुल्हाड़ी उनके बड़े बूत, यानी जिसको बड़ा खुदा समजते थे उसके कंधे पर रख दिया। जब क़ौम वापस आई तो एक दूसरे को देखकर कहने लगे हमारे खुदाओं से ये ज़्यादती किसने की? बाज़ लोगों ने कहा यह इब्राहिम ने किया होगा। आप عليه السلام से पूछा तो आपने फ़रमाया: इस बड़े बूत ने किया है, जिसका आम माना ज़ेहन में यह आता है कि आपने कहा यह इस बड़े बूत ने किया है यानी इसने तोड़ा है और लोगों ने अपनी समझ के मुताबिक़ झूठ समझा हालांकि इसका मतलब ही यह नहीं, अल्लामा राज़ी ने इस के मुख़्तलिफ़ मतब बयान किये है:
*पहली वजह* : पहली वजह यह है कि आपने यह नहीं फ़रमाया कि इस बूत ने किया है बल्कि आपने इससे मुराद अपनी ज़ात ली आपका यह कलाम तअरीज़ पर मबनी था यानी कलाम करने वाला मुराद हो, और सुनने वाला कुछ और समझे। यह कलाम इस तरह है जिस तरह एक शख्स लिखने का माहिर हो वह एक अच्छा खत लिखे और दूसरा शख्स जो लिखना नही जानता वह माहिरे खत से पूछे क्या यह तुमने लिखा? और वह जवाब में कहे बल्कि तुमने लिखा है, यह इलज़ाम उसको खामोश करना है। यानी इस जुमला से उस शख्स की नफ़ी जा रही है जो क़ादिर नहीं और जो शख्स क़ादिर है उसके लिये साबित करना है, इसी तरह आप عليه السلام ने बूत की तरफ मन्सूब करके वाज़ेह किया कि यह काम उसी ने किया जो यह काम करने पर क़ादिर है वह कैसे कर सकता है जो काम करने पर क़ादिर ही नहीं?
तीसरा इर्शाद : हज़रत सारा के मुतअल्लिक़ आवे फ़रमाया यह मेरी बहन है इसकी वजह हदीस में खुद ही वाज़ेह है कि आपने यह मुराद नहीं लिया कि यह मेरी नसबी बहन है बल्कि आपने हज़रत सारा को कहा तुम इस्लाम में मेरी बहन हो इसलिये कि अखुव्वते इस्लामी के लिहाज़ पर बाप बेटा भी भाई भाई है। माँ बेटी भी बहन है इसी तरह खाविन्द बीवी भी एक दूसरे के भाई बहन है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
Pages
- Home
- अब्लाक़ घोड़े सुवार
- नमाज़ के अहकाम
- परदे की फरज़िय्यत
- बुग्ज़ व किना
- परदे की फरज़िय्यत
- मेराज के वाक़ीआत
- मुर्दे की बेबसी
- रमज़ान की बहारे
- अच्छे बुरे अ'मल
- आशिके अक्बर
- आसान नेकियां
- आक़ा का महीना
- वेलेन्टाइन डे क़ुरआनो हदिष की रौशनी में
- तौबा की रिवायत व हिक़ायत
- तर्के जमाअत की वईद
- रजब की बहारे
- हयाते गौसुल आलम महबूबे यजदानी सैयद सुल्तान मखदूम अ...
- गौसे पाक का बचपन
- गौषे पाक के हालात
- फातिहा और इसाले षवाब का तरीका
- बीमार आबिद
- बेनमाज़ी का अंजाम
- अश्को की बरसात
- अनमोल हिरे
- अल-हक़्क़ुल मुबीन
- सिरते मुस्तफा 1
- सिरते मुस्तफा 2
- बरकाते ज़कात
- बद गुमानी
- क़ब्र में आनेवाला दोस्त
- तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़सीरे खज़ाइनुल इरफ़ान
- मदनी पंजसुरह
- सवानहे कर्बला
- शाने खातुने जन्नत
- गुस्से का इलाज
- गफलत
- फुतूह अल ग़ैब
- फ़ारुके आज़म का इश्के रसूल
- फैज़ाने सिद्दिके अकबर
- फैज़ाने खादीजतुल कुब्रा
- फैज़ाने फ़ारुके आज़म
- फैज़ाने आइशा सिद्दीक़ा
- मिलाद शरीफ
- जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ
- तज़किरए इमाम अहमद रज़ा
- प्यारी बाते
Friday 30 March 2018
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment