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Wednesday 3 October 2018

*दिलचस्प मालूमात* #12


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सवाल* : जिन्नात कौन है?

     *जवाब* : जिन्नात एक मख़लूक़ है, अल्लाह ने उन्हें आग के शोले से पैदा फ़रमाया है, इन में नेक भी है और बद भी, ये ऐसे अजीबो गरीब और मुश्किल काम करने की ताक़त रखते है जिन्हें करना आम इंसान के बस की बात नहीं।


     *सवाल* : जिन्न को जिन्न क्यूं कहते है?

     *जवाब* : लगत में जिन्न का माना है "सत्र और खफा" और जिन्न को इसी लिये जिन्न कहते है कि वो आम लोगों की निगाहों से पोशीदा होता है।


     *सवाल* : जिन्नात के वुजूद का इनकार करने कैसा?

     *जवाब* : जिन्नात के वुजूद का इनकार या बदी की कुव्वत का नाम जिन्न या शैतान रखना कुफ्र है।

*✍️दिलचस्प मालूमात* 16

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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