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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
★ कतए रेहम (मसलन फुलां रिश्तेदारों में लड़ाई हो जाए) की दुआ न करे।
★ अल्लाह से सिर्फ हकीर चीज़ न मांगे कि परवर्द गार गनी है बल्कि अपनी तमाम तवज्जोह उसी की तरफ़ रखे और हर चीज़ का उसी से सुवाल करे।
★ रन्जो मुसीबत से घबरा कर अपने मरने की दुआ न करे। खयाल रहे कि दुन्यवी नुक्सान से बचने के लिये मौत की तमन्ना ना जाइज़ हैं और दीनी मुजुर्रत (यानी दीनी नुक्सान) के खौफ़ से जाइज़।
★ बिला ज़रूरते शरई किसी के मरने और खराबी (बरबादी) की दुआ न करे, अलबत्ता अगर किसी काफ़िर के ईमान न लाने पर यकीन या जन्ने गालिब हो और (उस के) जीने से दीन का नुक्सान हो या किसी जालिम से तौबा और जुल्म छोड़ने की उम्मीद न हो और उस का मरना, तबाह होना मख्लुक के हक में मुफीद हो तो ऐसे शख्स पर बद दुआ करना दुरुस्त है।
*✍️मदनी पंजसुरह* 190
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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