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Monday 21 January 2019

_नमाज़ छोड़ने का वबाल अहादिष की रौशनी में_* #05

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : बन्दा जब सज्दे की आयत पढ़कर सज्दा करता है तो शैतान अलाहिदा (अलग) होकर रोता है और कहता है : हाय मुसीबत ! इसे सज्दे का हुक्म हुआ, इसने सज्दा किया तो इसे जन्नत नसीब हुई और मुझे सज्दे का हुक्म हुआ और मेने नहीं किया तो मुझे दोज़ख मिली।

*✍🏼सहीह मुस्लिम*

     शैतान को जन्नत से इसलिये निकलना पड़ा क्योंकि अल्लाह के हुक्म के बावुजूद उसने सज्दा करने से इनकार कर दिया था। हमें भी अल्लाह ने नमाज़ पढ़ने यानी सजदारेज़ होने का हुक्म फ़रमाया है। कहीं ऐसा तो नहीं कि हम भी इसी सज्दे से गाफिल होने की वजह से जन्नत से महरूम कर दिये जाए।


     हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : अपने अहले खाना (घर वालो) को नमाज़ पढ़ने का हुक्म दो बेशक अल्लाह तुम्हें ऐसी जगह से रोज़ी देगा जिसके मुतअल्लिक़ तुम गुमान भी नहीं कर सकते।

*✍🏼इहयाउल उलूम*

     मालुम हुआ कि नमाज़ पढ़ने वालों को अल्लाह बेरोज़गार नहीं रहने देता, उन्हें ऐसी जगह से रोज़ी देता है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।

*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 18

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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