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Friday 25 January 2019

नमाज़ की बरकतें वाक़ीयात की रौशनी में* #02

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     नमाज़ की बरकतों के सिलसिले में हज़रत अब्दुर्रहमान सफुरी عليه رحما नुज़हतुल मजालिस में तहरीर फ़रमाते है : नबीए करीम ﷺ ने फ़रमाया : तवील क़याम (यानी नमाज़ में देर तक खड़ा रहना) क़यामत में अमान का ज़ामिन (जमानतदार) है।

*✍🏼नुज़हतुल मजालिस*


     हज़रत ईशा عليه السلام ने फ़रमाया : तवील क़याम पुलसिरात पर अमान का बाइस है और तवील सज्दा अज़ाबे क़ब्र से बचने का ज़रिया है। बाज़ बुज़ुर्गो ने फ़रमाया : सकरात मौत में आसानी का सबब है। आप ने मज़ीद फ़रमाया : तवील सज्दा अल्लाह की महबूबियत का वसीला है।

     हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास رضي الله عنه ने फ़रमाया : लम्बा सज्दा जन्नत में हमेशगी का सबब है।

*✍🏼नुज़हतुल मजालिस*

*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 22

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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