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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*_अदाए क़र्ज़ की दुआ_*
اَللّٰهُمَّ اكْفِنِىْ بِحَلَالِكَ عَنْ حَرَامِكَ وَاَغْنِنِىْ بِفَضْلِكَ عَمَّنْ سِوَاكَ
*तर्जमा* - ऐ अल्लाह ! मुझे हलाल रिज़्क़ अता फरमा कर हराम से बचा और अपने फ़ज़लो करम से अपने सिवा गैरो से बे नियाज़ कर दे।
*✍🏽अलमुस्तदरक लिल्हाकिम, 2/230*
ये दुआ तीर ब हदफ़ नुस्खा है अगर हर मुसलमान हमेशा ही ये दुआ हर नमाज़ के बाद ज़रूर एक बार पढ़ लिया करे तो انشاء الله क़र्ज़ व ज़ुल्म से महफूज़ रहेगा।
*✍🏽मिरआतूल मनाजिह, 4/51*
*_गुस्सा आने के वक़्त की दुआ_*
اَعُوْذُبِاللّٰهِ مِنَ الشَّيْطٰنِ الرَّجِيْمِ
*तर्जमा* - में शैतान मर्दुद से अल्लाह की पनाह चाहता हु।
*✍🏽सहीह बुखारी, 4/131*
*_इल्म में इज़ाफ़े की दुआ_*
رَبِّ زِدْنِىْ عِلْمًا
*तर्जमा* - ऐ मेरे रब! मुझे इल्म ज़्यादा दे।
*✍🏽पारह, 16*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 207*
*नॉट :* जिन हजरात तो अरबी नही आती वो तर्जुमा याद करले और उसे पढ़े। और जो अरबी जानते है वो तर्जुमे को जहन में रखे ताकि पता चले की हम क्या पढ़ रहे है, ये दुआ में क्या है। अपनी मादरी ज़बान में दुआ पढ़ना बेहतर है।
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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