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Wednesday 22 February 2017

*नमाज़ी के आगे से गुज़रने के अहकाम* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

दरख्त, आदमी और जानवर वगैरा का भी आड़ हो सकता है।

आदमी को इस हालत में आड़ किया जाए जब कि उसकी पीठ नमाज़ी की तरफ हो। (अगर नमाज़ पढ़ने वाले के ऍन रुख की तरफ किसी ने मुह किया तो अब कराहत नमाज़ी पर नही उस मुह करने वाले पर है, लिहाज़ा इमाम के सलाम फेरने के बाद मुड कर पीछे देखने में एहतियात ज़रूरी है कि आप के ऍन पीछे की जानिब अगर कोई नमाज़ पढ़ रहा होगा और उस की तरफ आप अपना मुह करेंगे तो गुनाहगार होंगे)

एक शख्स नमाज़ी के आगे से गुज़रना चाहता है और दूसरा शख्स उसी को आड़ बना कर उसके चलने की रफ़्तार के ऍन मुताबिक़ उसके साथ ही गुज़र जाए तो पहला शख्स गुनाहगार हुवा और दूसरे के लिये हि पहला शख्स आड भी बन गया।

नमाज़े बा जमाअत में अगली सफ में जगह होने के बा वुजूद किसी ने पीछे नमाज़ शुरू कर दी तो आने वाला उसकी गर्दन फलांगता हुवा जा सकता है कि उसने अपनी हुरमत अपने आप खोई।

बाक़ी कल अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 216*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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