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Friday 10 February 2017

*सिरते मुस्तफाﷺ*
*_दसवा बाब_* #23
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*​जंगे खन्दक*​ #08
*_नौफिल की लाश_*
     नौफिल गुस्से में बिफरा हुवा मैदान में निकला और पुकारने लगा की मेरे मुकाबले के लिये कौन आता है ? हज़रते ज़ुबैर बिन अल अव्वामرضي الله تعالي عنه उस पर बिजली की तरह झपटे और ऐसी तलवार मारी की वो दो तुकड़े हो गया और तलवार ज़ीन को काटती हुई घोड़े की कमर तक पहुच गई, लोगो ने कहा की ऐ ज़ुबैर ! तुम्हारी तलवार की तो मिषाल नही मिल सकती। आप ने फ़रमाया की तलवार क्या चीज़ है ? कलाई में दम खम और ज़र्ब में कमाल चाहिए।
     हबीरा और जरार भी बड़े तन तने से आगे बढ़े मगर जब ज़ुल्फ़ीक़ार का वार देखा तो लरज़ा बर अंदाम हो कर फिरार हो गए। कुफ्फार के बाक़ी शह सुवार भी जो खन्दक को पार कर के आ गए थे वो सब भी भाग खड़े हुए और अबू जहल का बेटा इकराम तो इस क़दर बद हवास हो गया की अपना नेजा फेक कर भागा और खन्दक के पार जा कर उस को क़रार आया।

*_हज़रते ज़ुबैर को खिताब मिला_*
     हुज़ूरﷺ ने जंगे खन्दक के मौके पर जब की कुफ्फार मदीने का मुहासरा किये हुए थे और किसी के लिये शहर से बाहर निकलना दुश्वार था, तिन मर्तबा इरशाद फ़रमाया की कौन है जो क़ौमे कुफ्फार की खबर लाए। तीनो बार हज़रते ज़ुबेरرضي الله تعالي عنه ने जो हुज़ूरﷺ की फूफी हज़रते स्फिय्याرضي الله تعالي عنها के फ़रज़न्द है ये कहा की "या रसूलुल्लाहﷺ ! में खबर लाऊंगा।" हज़रते ज़ुबेरرضي الله تعالي عنه की इस जा निषारि से खुश हो कर हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया की : हर नबी के लिये हवारी (मददगारे ख़ास) होते है और मेरा हवारी ज़ुबेर है।
     इसी तरह हज़रते ज़ुबेरرضي الله تعالي عنه को बारगाहे रिसालत से हवारी का खिताब मिला जो किसी दूसरे सहाबी को नही मिला।
*✍🏽सिरते मुस्तफा, 338*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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