*नेअमतों के ज़रीये इब्तेला (आज़माइश)* #1
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
हज़रत मोहियुद्दीन अब्दुल कादर जीलानी رضي الله تعالي عنهने इर्साद फ़रमाया : जान लो के लोग दो किस्मके होते है, एक वो जिन्हें नेअमतें अता की गई है। दूसरे वो जिन्हें खुदा हुकमसे मसाइब में मुब्तेला किया गया है।
लेकिन जिन लोगों पर नेअमतों की अरज़ानी होती है वो गुनाह और कदूरत से ख़ाली नही होते और वो इन नेअमतों से बहोत आसाइश की हालत में होते है के यकायक तकदीर खुदावन्दी उन पर किस्म किस्म की मुसीबतें, बालाएं और इमराज़ में से ऐसी चिजोको ले आती है जिसकी वज़हसे तकद्दूर(परेशानी) का तसल्लुत(कबज़ा) हो जाता है और उनके जानो माल और एहलो अयाल परेशानियों में मुब्तेला हो जाते है। इसकी वजहसे उनकी ज़िन्दगी इस दरजह बेकैफ हो जाती है, गोया उन्हेँ कभी नेअमतें मिली ही न थी। फिर वो नेअमतों को और उनकी हलावतों(मिठास) को फरामोश कर देते है।
बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह
*✍🏽फुतूहल ग़ैब* पेज 104
*_____________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*_____________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 90335 03799
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
हज़रत मोहियुद्दीन अब्दुल कादर जीलानी رضي الله تعالي عنهने इर्साद फ़रमाया : जान लो के लोग दो किस्मके होते है, एक वो जिन्हें नेअमतें अता की गई है। दूसरे वो जिन्हें खुदा हुकमसे मसाइब में मुब्तेला किया गया है।
लेकिन जिन लोगों पर नेअमतों की अरज़ानी होती है वो गुनाह और कदूरत से ख़ाली नही होते और वो इन नेअमतों से बहोत आसाइश की हालत में होते है के यकायक तकदीर खुदावन्दी उन पर किस्म किस्म की मुसीबतें, बालाएं और इमराज़ में से ऐसी चिजोको ले आती है जिसकी वज़हसे तकद्दूर(परेशानी) का तसल्लुत(कबज़ा) हो जाता है और उनके जानो माल और एहलो अयाल परेशानियों में मुब्तेला हो जाते है। इसकी वजहसे उनकी ज़िन्दगी इस दरजह बेकैफ हो जाती है, गोया उन्हेँ कभी नेअमतें मिली ही न थी। फिर वो नेअमतों को और उनकी हलावतों(मिठास) को फरामोश कर देते है।
बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह
*✍🏽फुतूहल ग़ैब* पेज 104
*_____________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*_____________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 90335 03799
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
No comments:
Post a Comment