Pages

Sunday 26 February 2017

*ज़िक्र करनेवाला और सवाल करनेवाला* #3
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

       जैसा के कुरआन मजीदमें कहा गया है, "अय नबी, फरमा दीजिये, बेशक मेरा वाली अल्लाह है जिसने कुरआन नाज़िल कीया और वो सालेहीन का वाली है।" इस वक्त वो हदीसे कुदसी भी मु-तहकि (तहक़ीक़ किया गया) हो जाती है जो मकालेके शुरूमें बयान की गई है।
       ये वो हालते फना है जो औलिया व अब्दाल के हालकी ईन्तेहा है। फिर कभी उसे तकवीने अशयाकी कुव्वत दी जाती है। तमाम अशया अल्लाह के ईज़न (इजाज़त) से पैदा होती है। यानी उसके  लफ़ज़ कुन से पैदा होती है और अल्लाहने अपनी बाज़ कीताबोंमें फ़रमाया है: "अय बनी आदम! मैं अल्लाह हुं, मेरे सिवा कोई मअबूद नहीं। मैं जिस शैअसे कहे देता हुं हो जा, वो हो जाती है। मेरी फ़रमांबरदारी करके और मुज़में फना हो कर तुम भी जिस चीज़ को कहोगे हो जा-वो हो जाएगी।"

*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 110,111
*_____________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*_____________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 90335 03799
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment