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Friday, 21 July 2017

*नमाज़ तोड़ने वाली बाते* #02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_नमाज़ में रोना_*
◆ दर्द या मुसीबत की वजह से ये अलफ़ाज़ "आह" "ऊह" "उफ़" "तूफ" निकल गए या आवाज़ से ओने में हर्फ़ पैदा हो गए नमाज़ फासिद् हो गई.

◆ अगर रोने में सिर्फ आसु निकले आवाज़ व हरुफ़ नही निकले तो हर्ज नही.
*✍🏼आलमगिरी, जी.1 स. 101*

◆ अगर नमाज़ में इमाम के पढंने की आवाज़ पर रोने लगा और "अरे" "नअम" "हा" ज़बान से जारी हो गया तो कोई हर्ज़ नही कि ये खुशुअ के बाइस है और अगर इमाम की खुश इल्हानि के सबब ये अलफ़ाज़ कहे तो नमाज़ टूट गई.

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼दुर्रे मुख्तार, जी.2 स.456*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, स. 185*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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