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Tuesday 18 July 2017

*83 आसान नेकियां* #02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*2-हर जाइज़ काम बिस्मिल्लाह से शुरू करना*

     रोज़ मर्रा के हर जाइज़ काम को (जब की कोई मानेए शरई न हो) बिस्मिल्लाह शरीफ से शुरू करना अपना मामूल बना लिया जाए तो हज़ारो नेकियों का खज़ाना इकठ्ठा किया जा सकता है।
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जो बिस्मिल्लाह पढ़ेगा अल्लाह हर हर्फ़ के बदले उस के नामए आमाल में चार हज़ार नेकियां दर्ज फ़रमाएगा, चार हज़ार गुनाह बख्श देगा और चार हज़ार दरजात बुलन्द फ़रमाएगा।
     ज़रा हिसाब तो लगाइये بسم الله الرحمن الرحيم में 19 हरुफ़ है। यूं एक बार पढ़ने से أن شاء الله चन्द सेकण्ड में 76 हज़ार नेकियां मिलेगी, 76 हज़ार गुनाह मुआफ़ होंगे और 76 हज़ार दरजात बुलन्द होंगे।

*_बिस्मिल्लाह दुरुस्त पढ़िये_*
     बिस्मिल्लाह पढ़ने में मखारिज से हरुफ़ की अदाएगी लाज़िम है। और कम अज़ कम इतनी आवाज़ भी ज़रूरी है की रुकावट न होने की सूरत में अपने कानों से सुन सकें। जल्द बाज़ी में बाज़ लोग हरुफ़ चबा जाते है, जान बुझ कर इस तरह पढ़ना ममनूअ है और माना फासिद् होने की सूरत में गुनाह। लिहाज़ा जल्दी जल्दी पढ़ने की आदत की वजह से जो लोग गलत पढ़ डालते है वो अपनी इस्लाह कर लें नीज़ जहां पूरी पढ़ने की कोई ख़ास वजह मौजूद न हो और जल्दी भी हो वहां सिर्फ बिस्मिल्लाह कह ले तब भी हरज नही।

*_घरेलू झगड़ों का इलाज_*
     मुफ़्ती अहमद यार खान عليه رحما फ़रमाते है : घर में दाखिल होते वक़्त बिस्मिल्लाह पढ़ कर पहले सीधा क़दम दरवाज़े में दाखिल करना चाहिये फिर घर वालों को सलाम करते हुवे घर के अन्दर आए। अगर घर में कोई न हो तो السلام عليك ايها النبي و رحمه الله و بركاته कहें। बाज़ बुज़ुर्गो को देखा गया है की दिन की इब्तिदा में पहली बार घर में दाखिल होते वक़्त बिस्मिल्लाह और कुलहुवल्लाह शरीफ पढ़ लेते है की इस से घर में इत्तिफ़ाक़ भी रहता है और रोज़ी में बरकत भी।
*✍🏼आसान नेकियां, 20*

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*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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