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Wednesday 5 July 2017

*नमाज़ के वाजिबात* #05
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

★ दोनों तरफ सलाम फेरते वक़्त लफ्ज़ "अस्सलामु" दोनों बार वाजिब है। लफ्ज़ "अलैकुम" वाजिब नहीं बल्कि सुन्नत है।

★ वित्र् में तकबीरे क़ुनूत कहना।
★ वित्र् में दुआए क़ुनूत पढ़ना।

★ इदैन की 6 तकबीरे।
★ इदैन में दूसरी रकअत की तकबीरे रूकू और इस तकबीर के लिए लफ़्ज़े "अल्लाहु अक्बर" होना।

★ जहरी नमाज़ मसलन मगरिब व ईशा की पहली और दूसरी रकअत और फ़ज्र, जुमुआ, इदैन, तरावीह और रमज़ान के वित्र् की हर रकअत में इमाम को जहर (यानि इतनी बुलंद आवाज़ की दूसरे लोग यानि वो कि सफे अव्वल में है सुन सके) से किराअत करना।

★ गैर जहरी (मसलन जोहर व असर) में आहिस्ता किराअत करना।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा  172-173*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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