Pages

Monday 17 July 2017

*क़र्ज़ देने के फ़ज़ाइल*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : हर क़र्ज़ सदक़ा है।
*شعب الإيمان*

     आप का फरमान है : मेराज की रात में ने जन्नत के दरवाज़े पर लिखा हुवा देखा की सदक़ा का हर दिरहम, दस दिरहम के बराबर है और क़र्ज़ का हर दिरहम 18 दिरहम के बराबर है। मेने पूछा जिब्राइल ! क़र्ज़ सदके से किस वजह से अफ़्ज़ल है ? अर्ज़ की, साइल सुवाल करता है जब की उस के पास (माल) होता है और क़र्ज़ तलब करने वाला अपनी ज़रूरत के लिये क़र्ज़ तलब करता है।

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जो शख्स अपने किसी भाई को दोबारा क़र्ज़ देगा, अल्लाह उस को एक मर्तबा सदक़ा करने का षवाब देगा।
*سنن ابن ماجه*

बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼सुन्नते और आदाब, 114*

*___________________________________*
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment