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Monday 17 July 2017

*83 आसान नेकियां* #01
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_1-अच्छी अच्छी निय्यते करना_* #01
     बिला शुबा अच्छी निय्यते करना एक ऐसा अमल है जो मेहनत के ऐतिबार से बेहद छोटा, लेकिन अज़्रो षवाब के लिहाज़ से हद दरजा अज़ीम है।

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : सच्ची निय्यत सब से अफ़्ज़ल अमल है।

     निय्यत दिल के पुख्ता इरादे को कहते है ख्वाह वो किसी चीज़ का हो और शरीअत में निय्यत इबादत के इरादे को कहते है।

     किसी भी नेक अमल को करते वक़्त अच्छी अच्छी निय्यते कर ली जाए तो इस का षवाब बढ़ जाता है, हज़रते शैख़ अब्दुल हक़ मुहद्दिश देहलवी عليه رحما लिखते है : एक अमल में जितनी निय्यते होंगी उतनी नेकियों का षवाब मिलेगा, मषलन मोहताज़ क़राबत दार की मदद करने में अगर निय्यत फ़क़त अल्लाह के लिये देने की होगी तो एक निय्यत का षवाब पाएगा और अगर सीलए रहमी की निय्यत भी करेगा तो दोहरा षवाब पाएगा।

     इमाम अहमद रज़ा खान عليه رحما लिखते है : बेशक जो इल्मे निय्यत जानता है एक एक फेल को अपने लिये कई कई नेकियां कर सकता है।

*_अच्छी अच्छी निययतें करने का तरीक़_*
     हज़रत इल्यास अत्तार क़ादरी دامت بركاته العاليه निय्यत के बारे में हमारा मदनी ज़हन बनाते हुवे लिखते है : अच्छी अच्छी निय्यते करने के लिये ज़रूरी है की ज़ेहन हाज़िर रहे, जो अच्छी निययतो का आदी नही है उसे शुरू में ब तकल्लुफ इस की आदत बनानी पड़ेगी लिहाज़ा इब्तिदाअन इस के लिये सर झुकाए, आँखे बन्द कर के ज़ेहन को मुख़्तलिफ़ ख्यालात से खाली कर के यकसू हो जाना मुफीद है।
     इधर उधर नज़रे घुमाते हुवे, बदन सहलाते खुजाते हुवे, कोई चीज़ रखते उठाते हुवे या जल्द बाज़ी के साथ निय्यते करना चाहेंगे तो शायद हो नही पाएगी।
    निययतो की आदत बनाने के लिये इन की अहमिय्यत पर नज़र रखते हुवे आप को सन्जिदगी के साथ पहले अपना ज़ेहन बनाना पड़ेगा।

बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼आसान नेकियां, 14*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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