*तीन शख्स जन्नत से (इब्तिदाअन) महरूम*
بِسْــــمِ اللّٰهِ الpرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
वालिदैन व दीगर ज़ाविल अहराम (या'नि जिन के साथ खूनी रिश्ता हो द-रजा ब द-रजा) मुआ-शरे में सब से ज़ियादा एहतिराम व हुस्ने सुलूक के हकदार होते है, मगर अफ़्सोस की इस कि तरफ अब ध्यान कम दिया जाता है। बा'ज़ लोग अवाम के सामने अगर्चे इन्तिहाई मुन्कसिरुल मिज़ाज़ व मिलन-सार गर्दाने जाते है मगर अपने घर में बिलखुसूस वालिदैन के हक में निहायत ही तुन्द मिज़ाज व बद अख़लाक़ होते है। एसो की तवज्जोह के लिये अर्ज़ है, हज़रते सय्यिदुना इब्ने उमर رضى الله تعالى عنهما से रिवायत है, सरकारे दो आलम ﷺ का फरमाने मुअज़्ज़म है : "तीन शख्स जन्नत में नही जाएंगे, मां बाप को सताने वाला और दय्यूस और मर्दानी वज़्अ बनाने वाली औरत ।"
*✍(مجمع الزوائد ج ٨ ص ٢٧٠ حديث ١٣٤٣٢)*
बयान करदा हदीसे पाक में मां बाप को इज़ा देने वाले के साथ साथ दय्यूस के बारे में भी वईद है कि वोह जन्नत से महरूम कर दिया जाएगा। "दय्यूस" या'नि वोह शख्स जो अपनी बीवी या किसी महरम पर गैरत न खाए ।
*✍(درمختار ج ٦ ص ١١٣)*
*✍एहतिरामे मुस्लिम* 3
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Saturday 17 March 2018
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