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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*_जूते पर खड़े हो कर जनाज़ा पढ़ना_*
जूता पहन कर अगर नमाज़े जनाज़ा पढ़े तो जूते और ज़मीन दोनों का पाक होना ज़रूरी है और जूता उतार कर उस पर खड़े हो कर पढ़े तो जूते के तले और जमीन का पाक होना ज़रूरी है।
आला हज़रत अलैरहमा एक सुवाल के जवाब में इरशाद फ़रमाता है : अगर वो जगह पेशाब वगैर से नापाक थी या जिन के जूतो के तले नापाक थे और इस हालत में जूता पहने हुए नमाज़ पढ़ी उन की नमाज़ न हुई, एहतियात यही है कि जूता उतार कर उस पर पाउ रख कर नमाज़ पढ़ी जाए कि ज़मीन या तला अगर नापाक हो तो नमाज़ में खलल न आए।
*✍🏽फतावा रज़विय्या 9/188*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 275*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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