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Wednesday 9 January 2019

गुरबा व फुकरा 500 साल पहले जन्नत में* #2

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     

      हकीमुल उम्मत हज़रते मुफ्ती अहमद यार खान नईमी रहमतुल्लाह अलैह गरीबों के अमीरों से पांच सो साल पहले जन्नत में दाखिले की वज़ाहत करते हुए फ़रमाते हैं : खयाल रहे कि येह देर हिसाब की वज्ह से न होगी रब तआला सारे आलम का हिसाब बहुत जल्द लेगा येह उन फुकुरा की शान दिखाने के लिये होगी कि अमीरों को हिसाब के नाम पर रोक लिया गया और फकीरों को जन्नत की तरफ़ चलता कर दिया गया ।

     मुफ्ती साहिब  :  पांच सो साल की वजाहत करते हुए फरमाते हैं : यानी कियामत का दिन एक हजार बरस का है,  रब तआला फ़रमाता है : ( तर- ज -मए कन्जुल ईमान : बेशक तुम्हारे रब के यहां एक दिन ऐसा है जैसे तुम लोगों की गिनती में हज़ार बरस। हां बाज़ को पचास हजार साल का महसूस होगा , इन के मुतअल्लिक रब फ़रमाता है :  ( तर - ज - मए कन्जुल ईमान : वोह अज़ाब उस दिन होगा जिस की मिक्दार पचास हजार बरस है। और बाज़ मुअमिनीन को घड़ी भर का महसूस होगा, रब तआला फ़रमाता है :  ( तर - ज - मए कन्जुल ईमान : तो वोह दिन कर्रा ( सख्त ) दिन है । काफिरों पर आसान नहीं । 

       लिहाज़ा आयात में तआरुज नहीं और हो सकता है कि कियामत का दिन पचास हजार साल का हो मगर बाज़ को एक हजार साल का महसूस हो , बाज़ को इस से भी कम हुत्ता कि अबरार ( नेकुकारों ) को एक साअत का महसूस होगा जैसे एक ही रात आराम वाले को छोटी महसूस होती है तक्लीफ़ वाले को बड़ी।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله

*✍🏼 ग़रीब फाएदे में है   पेज 7*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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