*वाकिआए में'राज* 16
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*पचास से पांच नमाज़ें*
अल्लाह ने अपने महबूब ﷺ को हर दिन रात 50 नमाज़ों का तोहफा (भी) अता फ़रमाया। वापस आते हुवे जब आप हज़रते मूसा عليه السلام के पास पहुंचे तो वो अर्ज़ गुज़ार हुवे कि आप के रब ने आप की उम्मत पर क्या फ़र्ज़ फ़रमाया? इर्शाद फ़रमाया: 50 नमाज़ें। इस पर हज़रते मूसा عليه السلام ने अर्ज़ किया: वापस अपने रब के पास जाइये और उससे कमी का सुवाल कीजिये क्योंकि आप की उम्मत से ये नहीं हो सकेगा, में ने बनी इसराइल को आज़मा कर देख लिया है और उन का तजरीबा कर लिया है।
चुनान्चे आप ﷺ अपने रब की बारगाह में हाज़िर हुवे और अर्ज़ किया: ऐ मेरे रब! मेरी उम्मत पर तख़फ़ीफ़ फरमा। अल्लाह ने पांच नमाज़ें कम कर दी। आप ﷺ वापस हज़रते मूसा عليه السلام के पास तशरीफ़ लाए और फ़रमाया अल्लाह ने पांच नमाज़ें कम कर दी है। मूसा عليه السلام ने फिर वही अर्ज़ किया की आप की उम्मत से ये न हो सकेगा।
ये सिलसिला यूंही चलता रहा कि आप ﷺ रब की बारगाह में हाज़िर होते तो वो पांच नमाज़ें कम फरमा देता, हत्ता कि अल्लाह ने फ़रमाया: ऐ मुहम्मद दीन और रात में ये पांच नमाज़ें है और हर नमाज़ का सवाब दस गुना है, इस तरह ये पांच नमाज़ें है और हर नमाज़ का सवाब दस गुना है, इस तरह ये 50 नमाज़ें हुई।
जो नेकी का इरादा करे फिर उसे न करे तो उस के लिये एक नेकी लिख दी जाएगी और अगर कर ले तो 10 नेकियां लिखी जाएगी और जो बुराई का इरादा करे फिर उस से बाज़ रहे तो कोई बुराई नहीं लिखी जाएगी और अगर बुरा काम कर लिया तो एक बुराई लिखी जाएगी।
प्यारे आक़ा ﷺ हज़रते मूसा عليه السلام के पास तशरीफ़ लाए और उन्हें इस बारे में बताया तो हज़रते मूसा عليه السلام ने फिर वही अर्ज़ किया कि वापस अपने रब के पास जाइये और उससे कमी का सुवाल कीजिये। इस पर आप ﷺ ने फ़रमाया: में अपने रब के पास इतनी बार गया हूँ कि अब मुझे हया आती है।
*✍🏼फ़ैज़ाने मेराज* 38
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Saturday 10 March 2018
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