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Sunday 30 September 2018

_नमाज़ की अहमिय्यत अहादिष की रौशनी में_* #02


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : हर चीज़ की कोई ख़ास अलामत होती है और ईमान की अलामत नमाज़ है।

*✍🏼मुन्यातूल मुसल्लि*

     नमाज़ मुसलमान होने की अलामत है यानी जो नमाज़ी नहीं, समझो वो ईमान की निशानी से खाली है।


     हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : बन्दे और कुफ़्र व शिर्क के दरमियान (यानी मुसलमान और काफ़िर के दरमियान फर्क करने वाली चीज़) नमाज़ का छोड़ना है।

*✍🏼सहीह मुस्लिम*

*✍🏼नमाज़ की अहमिय्यात* 12

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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