Pages

Tuesday 25 September 2018

*हमारे नारों में कितनी सच्चाई ?* #06


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     ऐ मुहब्बत का दावा करने वालो! तू मुहब्बत के राज़ से वाकेफ नहीं, क्योंकि तेरा नफ़्स अब तक जिंदा है और वो अपनी ख्वाहिशात ज़ाहिर कर रहा है और तू उसका गुलाम बन के गुम रहा है। मुहब्बत के क़दम उठाने से पहले तू तेरे नफ़्स को मार डाला! कान और आंख को महबूब के अलावा दुसरो के लिए अंधा और बेहरा बना दे तब ही तुझे तेरे महबूब के तरीके पसन्द आएंगे और तेरे कान को महबूब की बाते अच्छी लगेगी। 

     क्या तुजे पता नहीं? मुहब्बत दावा हम भी करते है और साहबा भी करते थे। फिर भी दोनों के अमलो में कितना फर्क है। हम अमल में फायदा देखते है और वो अमल में महबूब को देखते थे। क्योंकि वो मुहब्बत के राज़ से वाकिफ थे और हम नावाकिफ है। वो नफ़्स को मार के मुहब्बत करते थे  जबकि हम नफ़्स की ताजा रख के दावा करते है। इसी वजह से दोनों के अमलो में फर्क दिखता है।

     हज़रत राबिया बसरिययह رضي الله عنها फरमाती है: अगर तेरी मुह  त सच्ची होती तो तू महबूब के हुक्म की पैरवी करता।

     बेशक आशिक़ माशूक के हुक्म की पैरवी करता है। हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज رحمة الله عليه सच्चे आशिके रसूल थे। आपकी हर वक़्त सुन्नतों पे चलते थे। एक बार आपने वुज़ू किया तो दीठि में ख़िलाल करने की सुन्नत वो भूल गए, थोड़े वक़्त के बाद आपको याद आया तो आपको इसका बहुत अफसोस हुआ। ये सुन्नत छूटने के गम में आप रोते रहे। आपके खलीफा दख्तियार काकी رحمة الله عليه ने अर्ज़ की हुज़ूर क्या बात है, आप क्यों इतना रो रहे हो? आपने फ़रमाया वुज़ू करने मुझसे ख़िलाल की सुन्नत करना में भूल गया, जब जब मुझे वो याद आता है तो मेरी आंखोसे आंसू बहने लगते है! मुझे ये फिक्र है कि क़यामत के दिन नबीए करीम ﷺ मुझसे सवाल करेंगे कि ए मोइनुद्दीन! मेरी सुन्नत क्यों छोड़ दी? तो में क्या जवाब दूंगा, आक़ा को ये मुंह कैसे दिखाऊंगा।

     इसे कहते है सच्ची मुहब्बत! की सिर्फ एक बार महबूब के पसन्द छूट गई वो भी गलती से, फिर भी आपको इतना ज्यादा अफसोस! और हम सुन्नतों की पैरवी तो दूर, जान बूझ कर फ़राइज़ को छोड़ रहे है! हालांकि एक बार ख्वाजा साहब ने फरमाया की क्या मुसलमान नमाज़ में ताखीर कर सकता है? मतलब ये की ख्वाजा साहब ये क़बूल करने राज़ी नही की मुसलमान नमाज़ में ताखीर करे।


बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله

*✍️तोहफए नजात, हिस्सा-6* 21

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment