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Tuesday 18 September 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #52


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*दाऊद عليه السلام की इबादत*

     आप عليه السلام एक दिन रोज़ा रखते और एक दिन इफ्तार करते ये दरअसल आपका नफ़्स के खिलाफ जिहाद था क्योंकि इसका नफ़्स बच्चे की तरह होता है। बच्चे को एक दिन दूध पिलाया जाये और दूसरे दिन न पिलाया जाये ये बहुत मुश्किल है। इसी तरह दाऊद عليه السلام ने अपने नफ़्स से ऐसा जिहाद किया जो आम आदमी के लिये बहुत मुश्किल था क्योंकि एक दिन नफ़्स को ख़्वाहोशात से रोकना और दूसरे दिन ख्वाहिशात की इजाज़त देना अज़ीम काम था।

     आप عليه السلام आधी रात अल्लाह के हुजूर क़याम फरमाते, यानी नवाफिल अदा करते, फिर रात का तिहाई हिस्सा सोते, फिर रात का छटा हिस्सा जागकर इबादत में मशगूल रहते।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 202

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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