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Saturday 12 January 2019

*गरीब व मिस्कीन खलीफ़ा*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

      दा'वते इस्लामी के इशाअती इदारे मक- त -बतुल मदीना की मत्बूआ 590 सफ़हात पर मुश्तमिल किताब *“हुज़रते सय्यदुना उमर बिन अब्दुल अजीज की 425 हिकायात"* के सफ़हा 187 पर है : अमीरुल मुअमिनीन हज़रते सय्यदुना उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ رضی اﷲ تعالٰی عنه की खिदमत में ईद से एक दिन कब्ल आप رضی اﷲ تعالٰی عنه की शहजादियां हाज़िर हुई और बोलीं : "*बाबाजान !* कल ईद के दिन हम कौन से कपड़े पहनेंगी?"  

      फ़रमाया : "येही कपड़े जो तुम ने पहन रखे हैं , इन्हें धो लो, कल पहन लेना !",  " नहीं ! बाबाजान ! आप हमें नए कपड़े बनवा दीजिये , ' बच्चियों ने जिद करते हुए कहा। 

     आप رضی اﷲ تعالٰی عنه , ने फरमाया : "मेरी बच्चियो ! ईद का दिन अल्लाहु  रब्बुल इज़्ज़त की इबादत करने , उस का शुक्र बजा लाने का दिन है , नए कपड़े पहनना ज़रूरी तो नहीं ! " ,  " बाबाजान ! आप का फरमाना बेशक दुरुस्त है लेकिन हमारी सहेलियां हमें ता'ने देंगी कि तुम अमीरुल मुअमिनीन की लड़कियां हो और ईद के रोज़ भी वोही पुराने कपड़े पहन रखे हैं ! " येह कहते हुए बच्चियों की आंखों में आंसू भर आए। 

       बच्चियों की बातें सुन कर आप رضی اﷲ تعالٰی عنه का दिल भी भर आया। आप رضی اﷲ تعالٰی عنه ने खाजिन ( वजीरे मालियात ) को बुला कर फ़रमाया : "मुझे मेरी एक माह की तनख्वाह पेशगी ला दो।" " खाजिन ने अर्ज की : हुजूर ! क्या आप को यकीन है कि आप एक माह तक जिन्दा रहेंगे?" 

      आप رضی اﷲ تعالٰی عنه ने फ़रमाया : " جزاك اﷲ तू ने बेशक उम्दा और सहीह बात कही। "खाजिन चला गया।  आप رضی اﷲ تعالٰی عنه  ने बच्चियों से फ़रमाया : "प्यारी बेटियो ! अल्लाह व रसूल ﷺ की रिज़ा पर अपनी ख्वाहिशात को कुरबान कर दो।" (मादने अख़्लाक , हिस्सए अव्वल , स , 257 )

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله

*✍🏼 ग़रीब फाएदे में है   पेज 11*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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