بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ के 7 फराइज़* #06
*_3 किराअत_* #03
*_हरुफ़ की सहीह अदाएगी ज़रूरी है_*
अक्सर लोग ط ت، س ص ث، ا ء ع، ه ح، ض ذ ظ ز में कोई फ़र्क़ नहीं करते। याद रखिये ! हरुफ़ बदल जाने से अगर माना फासिद् हो गए तो नमाज़ न होगी।
मसलन जिसने "सुब्हान रब्बियल अज़ीम" में अज़ीम में ( ظ के बजाए ز ) पढ़ दिया नमाज़ जाती रही लिहाज़ा जिस से अज़ीम सहीह अदा न हो वो "सुब्हान रब्बियल करीम" पढ़े।
*✍🏼क़ानूने शरीअत जी.1 स.119*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 165-166*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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