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Sunday 2 September 2018

*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-8, आयत, ⑥②*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

बेशक ईमान वाले और  यहूदियों और ईसाइयों और सितारों के पुजारियों में से वो कि सच्चे दिल से अल्लाह और पिछले दीन पर ईमान लाएं और नेक काम करें उन का सवाब पुण्य उनके रब के पास हैं और न उन्हें कुछ अन्देशा (आशंकाद) हो और न कुछ ग़म (1)


*तफ़सीर*

     (1) इब्ने जरीर और इब्ने अबी हातिम ने सदी से रिवायत की कि यह आयत हज़रत सलमान फ़ारसी (अल्लाह उनसे राज़ी हो) के साथियों के बारे में उतरी.

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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