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Monday 6 March 2017

*मुबारक महीने* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_मुहर्रामुल हराम_* #01
     इस्लामी साल माहे मुर्रहमूल हराम से शुरू होता है। ये बहुत ही अज़मत व बरकत वाला महीना है, जो हमें सब्रो ईसार का दर्स देता है। इस माह मुबारक में इबादत करने और रोज़ा रखने के बारे में मूतअद्दद् फ़ज़ाइल वारिद हुए है, नीज़ इसी माह में यौमे आशूरा जो अपनी खुसुसिय्यत में मुमताज़ है।

*_रमज़ान के बाद अफज़ल रोज़े_*
     हज़रते अबू हुरैरा رضي الله تعالي عنه से रिवायत है हुज़ूर ﷺ फरमाते है : रमज़ान के बाद मुहर्रम का रोज़ा अफज़ल है और फ़र्ज़ के बाद अफज़ल नमाज़ सलातुल्लैल (यानी रात के नवाफ़िल) है।
*✍🏽सहीह मुस्लिम, 591, हदिष : 1163*

*_एक महीने के रोज़ो के बराबर_*
     अल्लाह के हबीब ﷺ का फरमान है : मुहर्रम के हर दिन का रोज़ा एक महीने के रोज़ो के बराबर है।
*✍🏽अल-मुजमुल सगीर, 2/71*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 316*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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