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Friday 31 March 2017

*रजब की बहारे* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_रजब का एहतिराम और इसका इनआम_*
     हज़रते ईसा रूहल्लाह अलैहिस्सलाम के दौर का वाक़ीआ है कि एक शख्स मुद्दत से किसी औरत पर आशिक़ था। एक बार उस ने अपनी माशुका पर क़ाबू पा लिया।
     लोगो की हल चल से उस ने अंदाज़ा लगाया की लोग चाँद देख रहे है, उसने उस औरत से पूछा : लोग किस माह का चाँद देख रहे है ?
     उस ने कहा : रजब का। वो शख्स हालांकि गैर मुस्लिम था मगर रजब शरीफ का नाम सुनते ही ताज़िमन फौरन अलग हो गया और गुनाह के काम से बाज़ रहा।
     हज़रते ईसा रूहल्लाह अलैहिस्सलाम को हुक्म हुवा की हमारे फुला बन्दे की मुलाक़ात को जाओ। आप तशरीफ़ ले गए और अल्लाह का हुक्म और अपनी तशरीफ़ आवरी का सबब इरशाद फरमाया। ये सुनते ही उसका दिल नूरे इस्लाम से जग मगा उठा और उसने फौरन इस्लाम क़बूल कर लिया।

     मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो देखा आपने रजब की बहारे ! रजबुल मुरज्जब की ताज़ीम करके जब एक गैर मुस्लिम को ईमान की दौलत नसीब हो गई तो ज़रा सोचिये की जो मुसलमान हो कर इस माह की ताज़ीम करते हुवे इस में गुनाह न करे, झूट, गीबत, चुगली, फरेब, वादा खिलाफी वग़ैरा गुनाहो से हत्तल इमकान बचने की कोशिश करे। नीज़ पूरा महीना इबादत व रियाज़त में गुज़ारे, नमाज़ों की पाबंदी करे, इशराक़ व चाश्त के नवाफ़िल पढ़े, नमाज़े तहज्जुद अदा करे, इस माह के नफ्लि रोज़े भी रखे, शब् में क़याम व तिलावते कुरआन भी करे तो ऐसा शख्स अल्लाह की तरफ से कैसे कैसे इनआम व इकरामात का मुस्तहिक़ होगा ?
     बहार हाल ! हमें चाहिये की जब भी ये बा बरकत महीना तशरीफ़ लाए तो इस में खूब खूब इबादत व रियाज़त करे, ताकि अल्लाह की रहमतो और बरकतों से माला माल हो।
*✍🏽रजब की बहारे, सफा 2-3*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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