*वुज़ू का तरीका* 4/4
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
★अब नल बंद करके सर का मसह इस तरह कीजिये की दोनों अंगूठो और कलिमे की उंगलियो को छोड़ कर दोनों हाथ की 3-3 उंगलियो के सिरे एक दूसरे से मिला लीजिये और पेशानी के बाल या खाल पर रख कर खीचते हुए गुद्दी तक इस तरह ले जाइये की हथेलिया सर से जुदा रहे,
★फिर गुद्दी से हथेलिया खीचते हुए पेशानी तक ले आइये,
×कलिमे की उंगलिया और अंगूठे इस दौरान सर पर बिलकुल मस् नहीं होने चाहिए,
★फिर कलिमे की उंगलियो से कानो की अंदरूनी सतह का मसह कीजिये और छुगलिया कानो के सूराखो में दाखिल कीजिये और उंगलियो की पुश्त से गर्दन के पिछले हिस्से का मसह कीजिये।
×बाज़ लोग गले का और धुले हुए हाथो का मसह करते है ये सुन्नत नहीं है।
★अब पहले सीधा फिर उल्टा पाउ हर बार उंगलियो से शुरू करके तखनो के ऊपर तक बल्कि मुस्तहब है की आधी पिंडली तक 3 3 बार धो लीजिये।
★दोनों पाउ की उंगलियो का ख़िलाल करना सुन्नत है। इसका मुस्तहब तरीका ये है की उलटे हाथ की छोटी ऊँगली से सीधे पाउ की छोटी ऊँगली का ख़िलाल शुरू कर के अंगूठे पर खत्म कीजिये और उलटे ही हाथ की ऊँगली से उलटे पाउ के अंगूठे से शुरू करके छोटी ऊँगली पर खत्म कर लीजिये।
हज़रते इमाम मुहम्मद बिन मुहम्मद ग़ज़ालि अलैरहमा फरमाते है : हर उज़्व के गुनाह निकल रहे है !
*✍🏽अहयाउल उलूम, 1/183*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 10*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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★फिर गुद्दी से हथेलिया खीचते हुए पेशानी तक ले आइये,
×कलिमे की उंगलिया और अंगूठे इस दौरान सर पर बिलकुल मस् नहीं होने चाहिए,
★फिर कलिमे की उंगलियो से कानो की अंदरूनी सतह का मसह कीजिये और छुगलिया कानो के सूराखो में दाखिल कीजिये और उंगलियो की पुश्त से गर्दन के पिछले हिस्से का मसह कीजिये।
×बाज़ लोग गले का और धुले हुए हाथो का मसह करते है ये सुन्नत नहीं है।
★अब पहले सीधा फिर उल्टा पाउ हर बार उंगलियो से शुरू करके तखनो के ऊपर तक बल्कि मुस्तहब है की आधी पिंडली तक 3 3 बार धो लीजिये।
★दोनों पाउ की उंगलियो का ख़िलाल करना सुन्नत है। इसका मुस्तहब तरीका ये है की उलटे हाथ की छोटी ऊँगली से सीधे पाउ की छोटी ऊँगली का ख़िलाल शुरू कर के अंगूठे पर खत्म कीजिये और उलटे ही हाथ की ऊँगली से उलटे पाउ के अंगूठे से शुरू करके छोटी ऊँगली पर खत्म कर लीजिये।
हज़रते इमाम मुहम्मद बिन मुहम्मद ग़ज़ालि अलैरहमा फरमाते है : हर उज़्व के गुनाह निकल रहे है !
*✍🏽अहयाउल उलूम, 1/183*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 10*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
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