*नींद या बेदारी* #3
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
जो आदमी अमरे खुदावन्दी से बहोत ज़यादा हलाल खा ले, गोया उसने इबादत-व-कुव्वत की ख़ुशी में बहोत ही थोड़ा खाया क्यों के हलाल नूर ही नूर है। और हराम सरापा ज़ुलमत और हुकमे खुदावन्दी के बगैर महेज़ अपनी ख्वाहिश के ज़ेरे असर हलाल खानेमें भी कोई खैर नहीं और हराम चीज़ खाना नींद में इज़ाफेका बाइस होता है। इस लिये उसमें किसी तरह भी भलाइ नहीं।
*✍🏽फुतूहल ग़ैब* पेज 113
*_____________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*_____________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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जो आदमी अमरे खुदावन्दी से बहोत ज़यादा हलाल खा ले, गोया उसने इबादत-व-कुव्वत की ख़ुशी में बहोत ही थोड़ा खाया क्यों के हलाल नूर ही नूर है। और हराम सरापा ज़ुलमत और हुकमे खुदावन्दी के बगैर महेज़ अपनी ख्वाहिश के ज़ेरे असर हलाल खानेमें भी कोई खैर नहीं और हराम चीज़ खाना नींद में इज़ाफेका बाइस होता है। इस लिये उसमें किसी तरह भी भलाइ नहीं।
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
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