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Thursday 16 March 2017

*क़ज़ा नमाज़ का तरीका* #12/15
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_क़ज़ा का लफ्ज़ कहना भूल गया तो?_*
     आला हज़रत फरमाते है : हमारे उलमा तसरिह फरमाते है : क़ज़ा ब निययते अदा और अदा ब निययते क़ज़ा दोनों सहीह है।
*✍🏽फतावा रज़विय्या 8/161*

*_क़ज़ा नमाज़े नवाफ़िल की अदाएगी से बेहतर_*
     क़ज़ा नमाज़े नवाफ़िल की अदाएगी से बेहतर और अहम है मगर सुन्नते मुअक्क्दा, नमाज़े चाश्त, स्लातुत्तस्बीह और वो नमाज़े जिन के बारे में अहादीस मरवी है यानी जेसे तहिय्यतुल मस्जिद असर से पहले की चार रकअत (सुन्नते गैर मुअक्कदा) और मगरिब के बाद 6 रकअत पढ़ी जाएगी।
*✍🏽रद्दुलमोहतार 2/646*

     याद रहे क़ज़ा नमाज़ के बिना पर सुन्नते मुअक्कदा छोड़ना जाइज़ नहीं, अलबत्ता सुन्नते गैर मुअक्कदा और अहादिसो में वारिद शुदा मुखसुस नवाफ़िल पढ़े तो षवाब का हक़दार है मगर इन्हें न पड़ने पर कोई गुनाह नही।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 253*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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