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Friday 2 June 2017

*बरकाते ज़कात* #10
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_ज़कात देने के फवाइद_* #03

*_कामयाबी का रास्ता_*
     ज़कात का चौथा फायदा ये है कि इससे बन्दा कामयाब लोगो की फेहरिस्त में शामिल हो जाता है। जैसा कि क़ुरआन में फलाह को पहुचने वालो का एक काम ज़कात भी बयान किया गया है, पारह 18 सूरतुल मुअमीनून आयत 1 से 4 में इरशाद होता है :
_बेशक मुराद को पहुचे ईमान वाले जो अपनी नमाज़ में गिड़ गिड़ाते है और वो जो किसी बेहूदा बात को तरफ इलतिफ़ात नहीं करते और वो कि ज़कात देने का काम करते है।_

*_नुसरते इलाही का मुस्तहिक़_*
     पाचवी फ़ज़ीलत ये है कि अल्लाह ज़कात अदा करने वाले की मदद फ़रमाता है. चुनान्चे पारह 17 सूरतुल हज आयत 40-41 में इरशाद होता है :
_और बेशक अल्लाह ज़रूर मदद फ़रमाएगा उसकी जो उस के दिन की मदद करेगा, बेशक ज़रूर अल्लाह कुदरत वाला ग़ालिब है, वो लोग कि अगर हम उन्हें ज़मीन में क़ाबू दे तो नमाज़ बरपा रखे और ज़कात दे और भलाई का हुक्म करे और बुराई से रोके और अल्लाह ही के लिये सब कामो का अंजाम।_

बाक़ी कल की पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼बरकाते ज़कात, स.10*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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