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Tuesday 6 June 2017

*बरकाते ज़कात* #15
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_ज़कात देने के फवाइद_* #07

*_माल की बरकत_*
     ज़कात का 11वा फायदा ये है कि ज़कात देने वाले का माल कम नहीं होता, बल्कि दुन्या व आख़िरत में बढ़ता है। अल्लाह तआला पारह 22 सूरए सबा आयत 39 में फ़रमाता है :
_और जो चीज़ तुम अल्लाह की राह में खर्च करो वो इसके बदले और देगा और वो सब से बेहतर रिज़्क़ देने वाला है।_

     एक और मक़ाम पर पारह 3 सूरतुल बक़रह आयत 261-262 में इरशाद फ़रमाता है :
_उनकी कहावत जो अपने माल अल्लाह की राह में खर्च करते है उस दोनों की तरह जिस ने उगाई सात बाली, हर बाल में सो दाने और अल्लाह इस से भी ज़्यादा बढ़ाए जिस के लिये चाहे और अल्लाह वुसअत वाला इल्म वाला है, वो जो अपने माल अल्लाह की राह में खर्च करते है, फिर दिये पीछे न एहसान रखे न तकलीफ दे उनका नेग (इनआम) उन के रब के पास है और उन्हें न कुछ अंदेशा हो न कुछ गम।_

     मालुम हुवा कि ज़कात देने वाले को ये यक़ीन रखते हुवे खुश दिली से ज़कात देनी चाहिए कि अल्लाह तआला उसको बेहतर बदला अता फ़रमाएगा।
     हुज़ूर ﷺ का फरमाने अज़मत निशान है : सदके से माल कम नहीं होता।

बाक़ी कल की पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼बरकाते ज़कात, स.13*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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