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Sunday 27 August 2017

*गुनाहे कबीरा 3*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_जादू करना_*
     ऍन मुमकिन है की जादूगर कुफ़्र में मुब्तला हो जाए। अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :
_हाँ शैतान काफ़िर हुवे लोगों को जादू सिखाते है।_
*✍🏼البقرة*

     शैतान मर्दुद की इन्सानों को जादू सिखाने से गर्ज़ उन्हें शिर्क में मुब्तला करना है। अल्लाह हारुत व मारुत के मुतअल्लिक़ इर्शाद फ़रमाता है :
_और वो दोनों किसी को कुछ न सिखाते जब तक ये न कह लेते की हम तो निरी आज़माइश है तू अपना ईमान न खो तो उन से सीखते वो जिस से जुदाई डाले मर्द और उस की औरत में और उस से ज़रर नही पहुचा सकते किसी को मगर खुदा के हुक्म से और वो सीखते है  जो उन्हें नुक़्सान देगा नफा न देगा और बेशक ज़रूर उन्हें मालुम है की जिस ने ये सौदा लिया आख़िरत में उस का कुछ हिस्सा नहीं।_

*_जादूगर की सज़ा_*
     जादूगर की सज़ा क़त्ल है क्यू की उस ने अल्लाह के साथ कुफ़्र या कुफ़्र से मुशाबहत इख़्तियार की।

*_जादू की मज़म्मत में फरमाने मुस्तफा_*
     सात हलाक करने वाले गुनाहों से बचो। इन में आप صلى الله عليه وسلم ने जादू को भी ज़िक्र किया।
     जादूगर की सज़ा उसे तलवार से मार देना है।
     दुरुस्त ये है की ये रसूले अकरम صلى الله عليه وسلم की हदिष नहीं बल्कि हज़रते जुन्दुब رضي الله عنه का क़ौल है।
     3 शख्स जन्नत में दाखिल न होंगे : (1) शराब का आदि (2) कतए रहमी करने वाला (3) जादू की तस्दीक़ करने वाला।
इस हदिष को इमाम अहमद عليه رحما ने अपनी मुस्नद में रिवायत किया है।
     दम, तमिमा और तौला शिर्क है।
इसे इमाम अहमद व इमाम अबू दाऊद رحمه الله عليهما ने रिवायत किया है।
*✍🏼76 कबीरा गुनाह, 29*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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