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Sunday 6 August 2017

*83 आसान नेकियां* #19
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_3-ज़िकरुल्लाह करना_* #17

*_मस्जिद से महब्बत करना_*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जो मस्जिद से महब्बत करता है अल्लाह उसे अपना महबूब बना लेता है।
*✍🏼مجمع الزوار*

*_क्या मस्जिद से बेहतर भी कोई जगह है ?_*
     हमारे बुज़ुर्गाने दीन को मस्जिद से कितनी महब्बत होती थी और वो मस्जिद को आबाद रखने की कैसी कोशिशें फ़रमाया करते थे इस की एक झलक मुलाहजा कीजिये चुनान्चे, हज़रते मुहम्मद बिन मुन्कदिर عليه رحما फ़रमाते है की मेने हज़रते ज़ियाद बिन अबू ज़ियाद عليه رحما को देखा की वो मस्जिद में बैठे इस तरह अपने नफ़्स का मुहासबा फरमा रहे थे की बैठ जा ! तू कहां जाना चाहता है, क्यू जाना चाहता है ? क्या मस्जिद से भी बेहतर कोई जगह है जहाँ तू जाना चाहता है ? देख तो सही !यहाँ रहमतों की केसी बरसात है ? जब की तू चाहता है की बाहर जा कर कभी किसी के घर को देखे, कभी किसी के घर को।
*✍🏼زم الهواى*

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼आसान नेकियां, 75*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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