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Monday 14 August 2017

*83 आसान नेकियां* #27
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_3-ज़िकरुल्लाह करना_* #25

*_दुआ करना_*
     दुन्या के बड़े से बड़े अमीर शख्स से जब बार बार कुछ माँगा जाता है तो वो उकता कर नाराज़ हो जाता है लेकिन इस दुन्या का खालीक़ो मालिक अल्लाह ऐसा जव्वाद और करीम है की उसे अपने बन्दों का मांगना बहुत पसन्द है, इन में से जो जितना ज़्यादा दुआ मांगेगा अल्लाह उस से उतना ही खुश होगा।।
     हमारे आक़ा صلى الله عليه وسلم कषरत से दुआ माँगा करते थे हत्ता की सोने जागने, खाने पिने, कपड़े पहनने उतारने, बैतूल खला जाने आने के वक़्त और वुज़ू करने के दौरान भी दुआ माँगा करते थे।
     दुकान किसी भी वक़्त किसी भी जाइज़ व मुमकिन चीज़ के लिये मांगी जा सकती है अलबत्ता दुआ के आदाब का ख़याल रखना ज़रूरी है। बहर हाल दुआ दुन्यवी मक़ासिद के लिये मांगी जाए या उखरवी, इबादत में शुमार होती है।
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم दुआ इबादत का मग्ज़ है।
*✍🏼خامه ترمزى*

*_दुआ मोमिन का हथियार_*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : दुआ मोमिन का हथियार, दीन का सुतून और ज़मीनो आसमान का नूर है।

*_दुआ के फायदे_*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जो मुसलमान कोई ऐसी दुआ मांगता है जिस में कोई गुनाह या कतए रहमी न हो तो अल्लाह उसे तिन में से एक खसलते अता फ़रमाता है।
(1) या तो उस की दुआ जल्द क़बूल कर ली जाती है।
(2) या उसे आख़िरत के लिये ज़खीरा कर दिया जाता है।
(3) या फिर उस से इसी की मिष्ल कोई बुराई दूर कर दी जाती है।
सहाबए किराम ने अर्ज़ की फिर तो हम बहुत ज़्यादा दुआए माँगा करेंगे। फ़रमाया अल्लाह ज़्यादा दुआए क़बूल फरमाने वाला है।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼आसान नेकियां, 89*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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