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Saturday 29 April 2017

*वुज़ु और साइन्स* #04
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_मिस्वाक का क़दरदान_*
     मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! वुज़ु में मुतअद्दी सुन्नते है और हर सुन्नत मख़ज़ने हिक्मत है।
     मिस्वाक ही को ले लीजिये ! सब जानते है की वुज़ु में मिस्वाक करना सुन्नत है और इस सुन्नत की बरकतों का क्या कहना !
     एक व्यपारी का कहना है : स्विजरलैंड में एक नौ मुस्लिम से मेरी मुलाक़ात हुई उसको मेने तोहफतन मिस्वाक लेश की, उसने ख़ुश हो कर उसे लिया और चूम कर आखो से लगाया और एक दम उस की आँखों से आसु छलक पड़े। उसने जेब से एक रुमाल निकाला उस की तह खोली तो उस में से तकरीबन 2 इंच का छोटा सा मिस्वाक का टुकड़ा बरामद हुवा। वो कहने लगा : मेरी इस्लाम आवरी के वक़्त मुसलमानो ने मिझे ये तोहफा दिया था। में बहुत संभाल संभाल कर इसको इस्तिमाल कर रहा था, ये खत्म होने को था लिहाज़ा मुझे तश्विश थी के अल्लाह ने करम फ़रमाया और आप ने मुझे मिस्वाल इनायत फरमा दिया।
     फिर उसने बताया के एक अरसे से में दातो और मसूढ़ों की तकलीफ से परेशान था। हमारे यहाँ के डेंटिस्ट से इन का इलाज बन नहीं पड़ रहा था। मेने इस मिस्वाक का इस्तिमाल शुरू किया थोड़े ही दिनों में मुझे फायदा हो गया। में डॉ. के पास गया तो वो हैरान रह गया और पूछने लगा : मेरी दवाई से इतनी जल्दी तुम्हारा मरज़ दूर नहीं हो सकता, सोचो कोई और वजह होंगी। मेने जब ज़हन पर ज़ोर दिया तो ख्याल आया के में मुसलमान हो चूका हू और ये सारी बरकतें मिस्वाक ही की है। जब डॉ को मिस्वाक दिखाया तो वो देखता ही रह गया।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, साफ 61-62*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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