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Tuesday 4 April 2017

*हर तरहकी ख्वाहिशात फना होनेका मकाम*  #3
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

      जब रसूले खुदा अलैहिल तहइयतह वल सना से ख्वाहिश और इरादा खत्म कर दिया गया तो हुज़ूर को उन मकामात की तरफ मुतवज्ज़ा कर दिया गया।
      और आप अल्लाहतआला के मेहबूब और मुराद थे। आपको एक हाल और एक वादे पर नहीं छोड़ा गया बल्के खुदा तआला आपको तकदीर की तरफ ले गया और उसकी बाग़ (लगाम) आपकी तरफ छोड़ दी और आपको उसमें फिराया- पलटाया और आपसे कहा "क्या आप नही जानते के अल्लाह हर शैअ पर क़ादिर है।  
       यअनी आप तकदीरे खुदावन्दी के दरिया में है और उसकी मौजें आपको इधर से उधर की सैर कराती हैं। बस नबी के कामकी इब्तेदा वली के कामकी इन्तेहा है और वली और अब्दाल के आखरी मकामात वो है के उनके बाद नबूवत के अलावा कोई मकाम नहीं।

*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 126,127
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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