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Tuesday 4 April 2017

*फैज़ाने इसाले षवाब*#05
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_नूरानी लिबास_*
     एक बुज़ुर्ग ने अपने मरहूम भाई को ख्वाब में देख कर पूछा, "क्या ज़िन्दा लोगो की दुआ तुम लोगो को पहुचती है ?" तो उन्हों ने जवाब दिया, "हा अल्लाह की क़सम वो नूरानी लिबास की सीरत में आती है उसे हम पहन लेते है।
*✍🏽शरहु स्सुदुर, 305*

*_नूरानी तबाक़_*
     जब कोई शख्स मैय्यत को इसाले षवाब करता है तो जिब्रईल अलैहिस्सलाम उसे नूरानी तबाक़ में रख क़ब्र के कनारे खड़े हो जाते है और कहते है "ऐ क़ब्र वाले !" ये हदिया तेरे घर वालो ने भेजा है क़बूल कर। ये सुन कर वो खुश होता है और उस के पड़ोसी अपनी महरूमी पर गमगीन होते है।
*✍🏽शरहु स्सुदुर, 308*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 400*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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